Facts About Shodashi Revealed
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कामपूर्णजकाराख्यसुपीठान्तर्न्निवासिनीम् ।
ह्रीं श्रीं क्लीं परापरे त्रिपुरे सर्वमीप्सितं साधय स्वाहा॥
॥ इति श्रीत्रिपुरसुन्दरीस्तोत्रं सम्पूर्णम् ॥
अष्टमूर्तिमयीं वन्दे देवीं त्रिपुरसुन्दरीम् ॥८॥
केवल आप ही वह महाज्ञानी हैं जो इस सम्बन्ध में मुझे पूर्ण ज्ञान दे सकते है।’ षोडशी महाविद्या
The Saptamatrika worship is especially emphasized for those trying to find powers of control and rule, in addition to for people aspiring to spiritual liberation.
The choice of mantra sort is not really merely a make a difference of desire but reflects the devotee's spiritual plans and the character of their devotion. It is just a nuanced aspect of worship that aligns the practitioner's intentions with the divine energies of Goddess Lalita.
बिंदु त्रिकोणव सुकोण दशारयुग्म् मन्वस्त्रनागदल संयुत षोडशारम्।
श्रीचक्रवरसाम्राज्ञी श्रीमत्त्रिपुरसुन्दरी ।
सावित्री तत्पदार्था शशियुतमकुटा पञ्चशीर्षा त्रिनेत्रा
यह देवी अत्यंत सुन्दर रूप वाली सोलह वर्षीय युवती के रूप में विद्यमान हैं। जो तीनों लोकों (स्वर्ग, पाताल तथा पृथ्वी) में सर्वाधिक सुन्दर, मनोहर, चिर यौवन वाली हैं। जो आज भी यौवनावस्था धारण किये हुए है, तथा सोलह कला से पूर्ण सम्पन्न है। सोलह अंक जोकि पूर्णतः का प्रतीक है। सोलह की संख्या में प्रत्येक तत्व पूर्ण माना जाता हैं।
श्रीगुहान्वयसौवर्णदीपिका दिशतु website श्रियम् ॥१७॥
The Sadhana of Tripura Sundari is usually a harmonious mixture of seeking pleasure and striving for liberation, reflecting the dual facets of her divine mother nature.
साम्राज्ञी सा मदीया मदगजगमना दीर्घमायुस्तनोतु ॥४॥